Monday, 16 March 2015

cyber crime laws(साइबर क्राइम)

: साइबर क्राइम करना भारी पड़ेगा

: कंप्यूटर, इंटरनेट, डिजिटल डिवाइसेज, वर्ल्ड वाइड वेब आदि के जरिए किए जाने वाले अपराधों के लिए छोटे-मोटे जुर्माने से लेकर उम्र कैद तक की सजा दी जा सकती है। दुनिया भर में सुरक्षा और जांच एजेंसियां साइबर अपराधों को बहुत गंभीरता से ले रही हैं। ऐसे मामलों में सूचना तकनीक कानून 2000 और सूचना तकनीक (संशोधन) कानून 2008 तो लागू होते ही हैं, मामले के दूसरे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), कॉपीराइट कानून 1957, कंपनी कानून, सरकारी गोपनीयता कानून और यहां तक कि बिरले मामलों में आतंकवाद निरोधक कानून भी लागू किए जा सकते हैं। कुछ मामलों पर भारत सरकार के आईटी डिपार्टमेंट की तरफ से अलग से जारी किए गए आईटी नियम 2011 भी लागू होते हैं। कानून में निर्दोष लोगों को साजिशन की गई शिकायतों से सुरक्षित रखने की भी मुनासिब व्यवस्था है, लेकिन कंप्यूटर, दूरसंचार और इंटरनेट यूजर को हमेशा सतर्क रहना चाहिए कि उनसे जाने-अनजाने में कोई साइबर क्राइम तो नहीं हो रहा है। तकनीकी जरियों का सुरक्षित इस्तेमाल करने के लिए हमेशा याद रखें कि इलाज से परहेज अच्छा  


: हैकिंग
हैकिंग का मतलब है किसी कंप्यूटर, डिवाइस, इंफॉर्मेशन सिस्टम या नेटवर्क में अनधिकृत रूप से घुसपैठ करना और डेटा से छेड़छाड़ करना। यह हैकिंग उस सिस्टम की फिजिकल एक्सेस के जरिए भी हो सकती है और रिमोट एक्सेस के जरिए भी। जरूरी नहीं कि ऐसी हैकिंग के नतीजे में उस सिस्टम को नुकसान पहुंचा ही हो। अगर कोई नुकसान नहीं भी हुआ है, तो भी घुसपैठ करना साइबर क्राइम के तहत आता है, जिसके लिए सजा का प्रावधान है।

कानून
- आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43 (ए), धारा 66
- आईपीसी की धारा 379 और 406 के तहत कार्रवाई मुमकिन
सजा: अपराध साबित होने पर तीन साल तक की जेल और/या पांच लाख रुपये तक जुर्माना



 डेटा की चोरी

किसी और व्यक्ति, संगठन वगैरह के किसी भी तकनीकी सिस्टम से निजी या गोपनीय डेटा (सूचनाओं) की चोरी। अगर किसी संगठन के अंदरूनी डेटा तक आपकी आधिकारिक पहुंच है, लेकिन अपनी जायज पहुंच का इस्तेमाल आप उस संगठन की इजाजत के बिना, उसके नाजायज दुरुपयोग की मंशा से करते हैं, तो वह भी इसके दायरे में आएगा। कॉल सेंटरों, दूसरों की जानकारी रखने वाले संगठनों आदि में भी लोगों के निजी डेटा की चोरी के मामले सामने आते रहे हैं।

कानून
- आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 43 (बी), धारा 66 (ई), 67 (सी)
- आईपीसी की धारा 379, 405, 420
- कॉपीराइट कानून
सजा: अपराध की गंभीरता के हिसाब से तीन साल तक की जेल और/या दो लाख रुपये तक जुर्माना


 वायरस-स्पाईवेयर फैलाना

कंप्यूटर में आए वायरस और स्पाईवेयर के सफाए पर लोग ध्यान नहीं देते। उनके कंप्यूटर से होते हुए ये वायरस दूसरों तक पहुंच जाते हैं। हैकिंग, डाउनलोड, कंपनियों के अंदरूनी नेटवर्क, वाई-फाई कनेक्शनों और असुरक्षित फ्लैश ड्राइव, सीडी के जरिए भी वायरस फैलते हैं। वायरस बनाने वाले अपराधियों की पूरी इंडस्ट्री है जिनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती है। वैसे, आम लोग भी कानून के दायरे में आ सकते हैं, अगर उनकी लापरवाही से किसी के सिस्टम में खतरनाक वायरस पहुंच जाए और बड़ा नुकसान कर दे।

कानून
- आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43 (सी), धारा 66
- आईपीसी की धारा 268
- देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के लिए फैलाए गए वायरसों पर साइबर आतंकवाद से जुड़ी धारा 66 (एफ) भी लागू (गैर-जमानती)।
सजा : साइबर-वॉर और साइबर आतंकवाद से जुड़े मामलों में उम्र कैद। दूसरे मामलों में तीन साल तक की जेल और/या जुर्माना।



: पहचान की चोरी

किसी दूसरे शख्स की पहचान से जुड़े डेटा, गुप्त सूचनाओं वगैरह का इस्तेमाल करना। मिसाल के तौर पर कुछ लोग दूसरों के क्रेडिट कार्ड नंबर, पासपोर्ट नंबर, आधार नंबर, डिजिटल आईडी कार्ड, ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन पासवर्ड, इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर वगैरह का इस्तेमाल करते हुए शॉपिंग, धन की निकासी वगैरह कर लेते हैं। जब आप कोई और शख्स होने का आभास देते हुए कोई अपराध करते हैं या बेजा फायदा उठाते हैं, तो वह आइडेंटिटी थेफ्ट (पहचान की चोरी) के दायरे में आता है।

कानून
- आईटी (संशोधन) एक्ट 2008 की धारा 43, 66 (सी)
- आईपीसी की धारा 419 का इस्तेमाल मुमकिन
सजा: तीन साल तक की जेल और/या एक लाख रुपये तक जुर्माना।



: ई-मेल स्पूफिंग और फ्रॉड

किसी दूसरे शख्स के ई-मेल पते का इस्तेमाल करते हुए गलत मकसद से दूसरों को ई-मेल भेजना इसके तहत आता है। हैकिंग, फिशिंग, स्पैम और वायरस-स्पाईवेयर फैलाने के लिए इस तरह के फ्रॉड का इस्तेमाल ज्यादा होता है। इनका मकसद ई-मेल पाने वाले को धोखा देकर उसकी गोपनीय जानकारियां हासिल कर लेना होता है। ऐसी जानकारियों में बैंक खाता नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, ई-कॉमर्स साइट का पासवर्ड वगैरह आ सकते हैं।

कानून
- आईटी कानून 2000 की धारा 77 बी
- आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 66 डी
- आईपीसी की धारा 417, 419, 420 और 465।
सजा: तीन साल तक की जेल और/या जुर्माना।



 पोर्नोग्राफी

पोर्नोग्राफी के दायरे में ऐसे फोटो, विडियो, टेक्स्ट, ऑडियो और सामग्री आती है, जिसकी प्रकृति यौन हो और जो यौन कृत्यों और नग्नता पर आधारित हो। ऐसी सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक ढंग से प्रकाशित करने, किसी को भेजने या किसी और के जरिS प्रकाशित करवाने या भिजवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून लागू होता है। जो लोग दूसरों के नग्न या अश्लील विडियो तैयार कर लेते हैं या एमएमएस बना लेते हैं और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से दूसरों तक पहुंचाते हैं, किसी को उसकी मर्जी के खिलाफ अश्लील संदेश भेजते हैं, वे भी इसके दायरे में आते हैं।
अपवाद: पोर्नोग्राफी प्रकाशित करना और इलेक्ट्रॉनिक जरियों से दूसरों तक पहुंचाना अवैध है, लेकिन उसे देखना, पढ़ना या सुनना अवैध नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना भी अवैध है। कला, साहित्य, शिक्षा, विज्ञान, धर्म आदि से जुड़े कामों के लिए जनहित में तैयार की गई उचित सामग्री अवैध नहीं मानी जाती।

कानून
- आईटी (संशोधन) कानून 2008 की धारा 67 (ए)
- आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509
सजा: जुर्म की गंभीरता के लिहाज से पहली गलती पर पांच साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना। दूसरी बार गलती करने पर जेल की सजा सात साल हो जाती



: चाइल्ड पोर्नोग्राफी

ऐसे मामलों में कानून और भी ज्यादा कड़ा है। बच्चों को सेक्सुअल एक्ट में या नग्न दिखाते हुए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मैट में कोई चीज प्रकाशित करना या दूसरों को भेजना। इससे भी आगे बढ़कर कानून कहता है कि जो लोग बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री तैयार करते हैं, इकट्ठी करते हैं, ढूंढते हैं, देखते हैं, डाउनलोड करते हैं, विज्ञापन देते हैं, प्रमोट करते हैं, दूसरों के साथ लेनदेन करते हैं या बांटते हैं तो वह भी गैरकानूनी है। बच्चों को बहला-फुसलाकर ऑनलाइन संबंधों के लिए तैयार करना, फिर उनके साथ यौन संबंध बनाना या बच्चों से जुड़ी यौन गतिविधियों को रेकॉर्ड करना, एमएमएस बनाना, दूसरों को भेजना आदि भी इसके तहत आते हैं। यहां बच्चों से मतलब है - 18 साल से कम उम्र के लोग।

कानून
- आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 67 (बी), आईपीसी की धाराएं 292, 293, 294, 500, 506 और 509
सजा: पहले अपराध पर पांच साल की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना। दूसरे अपराध पर सात साल तक की जेल और/या दस लाख रुपये तक जुर्माना।



 तंग करना

सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों, ई-मेल, चैट वगैरह के जरिए बच्चों या महिलाओं को तंग करने के मामले जब-तब सामने आते रहते हैं। डिजिटल जरिए से किसी को अश्लील या धमकाने वाले संदेश भेजना या किसी भी रूप में परेशान करना साइबर क्राइम के दायरे में आता है। किसी के खिलाफ दुर्भावना से अफवाहें फैलाना (जैसा कि पूर्वोत्तर के लोगों के मामले में हुआ), नफरत फैलाना या बदनाम करना।

कानून
- आईटी (संशोधन) कानून 2009 की धारा 66 (ए)
सजा: तीन साल तक की जेल और/या जुर्माना



 आईपीआर (बौद्धिक संपदा) उल्लंघन

वेब पर मौजूद दूसरों की सामग्री को चुराकर अनधिकृत रूप से इस्तेमाल करने और प्रकाशित करने के मामलों पर भारतीय साइबर कानूनों में अलग से प्रावधान नहीं हैं, लेकिन पारंपरिक कानूनों के तहत कार्रवाई की मुनासिब व्यवस्था है। किताबें, लेख, विडियो, चित्र, ऑडियो, लोगो और दूसरे क्रिएटिव मटीरियल को बिना इजाजत इस्तेमाल करना अनैतिक तो है ही, अवैध भी है। साथ ही सॉफ्टवेयर की पाइरेसी, ट्रेडमार्क का उल्लंघन, कंप्यूटर सोर्स कोड की चोरी और पेटेंट का उल्लंघन भी इस जुर्म के दायरे में आता है।

कानून
- कॉपीराइट कानून 1957 की धारा 14, 63 बी
सजा: सात दिन से तीन साल तक की जेल और/या 50 हजार रुपये से दो लाख रुपये तक का जुर्माना।

Saturday, 14 March 2015

USE OF HINDI LANGUAGE IN SUPREME COURT

हिंदी भाषा का उच्चतम न्यायालय में प्रयोग!


नई दिल्ली। 
संविधान के रक्षक उच्चतम न्यायालय का राष्ट्र भाषा हिंदी में कार्य करना
 अपने आप में गौरव और हिंदी को प्रोत्साहन का विषय है। 
राजभाषा पर संसदीय समिति ने 28 नवंबर 1958 को संस्तुति की थी
 कि उच्चतम न्यायालय में कार्यवाहियों की भाषा हिंदी होनी चाहिए।
 इस संस्तुति को पर्याप्त समय व्यतीत हो गया है,
 किंतु इस दिशा में आगे कोई सार्थक प्रगति नहीं हुई है।
 जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश
 में अंग्रेजी भाषी लोग मात्र 0.021% ही हैं।
 इस दृष्टिकोण से भी अत्यंत अल्पमत की,
 और विदेशी भाषा जनता पर थोपना
 जनतंत्र का स्पष्ट निरादर है।
 देश की राजनैतिक स्वतंत्रता के
 65 वर्ष बाद भी देश के सर्वोच्च न्यायालय
 की कार्यवाहियां अनिवार्य
 रूप से ऐसी भाषा में संपन्न की जा रही हैं,
 जो 1% से भी
 कम लोगों में बोली जाती है।
 इस कारण देश के
 सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों से अधिकांश जनता 
में अनभिज्ञता व गोपनीयता, और पारदर्शिता का अभाव रहता है।
 अब संसद में समस्त कानून हिंदी भाषा में बनाये जा रहे हैं
 और पुराने कानूनों का भी हिंदी अनुवाद किया जा रहा है
 अतः उच्चतम न्यायालय को हिंदी भाषा में कार्य करने में
 कोई कठिनाई नहीं है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण
 आयोग, विधि आयोग आदि भारत सरकार के मंत्रालयों,
 विभागों के नियंत्रण में कार्यरत कार्यालय हैं और वे राजभाषा
 अधिनियम के प्रावधानों के अनुसरण में हिंदी भाषा में कार्य 
करने को बाध्य हैं तथा उनमें उच्चतम न्यायालय के सेवा
 निवृत न्यायाधीश कार्यरत हैं। यदि एक न्यायाधीश 
सेवानिवृति के पश्चात हिंदी भाषा में कार्य करने वाले 
संगठन में कार्य करना स्वीकार करता है, तो उसे 
अपने पूर्व पद पर भी हिंदी भाषा में कार्य करने में
 स्वाभाविक रूप से कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।
 दिल्ली उच्च न्यायालय में 11 अनुवादक पदस्थापित हैं,
 जो आवश्यकतानुसार अनुवाद कार्य कर न्यायाधीशों के 
न्यायिक कार्यों में सहायता करते हैं। उच्चतम न्यायालय
 में भी हिंदी भाषा के प्रयोग को सुकर बनाने के लिए 
न्यायाधीशों को अनुवादक सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकती हैं।

आज केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत ट्राइब्यूनल तो
 हिंदी भाषा में निर्णय देने के लिए कर्तव्यरूप से बाध्य हैं।
 अन्य समस्त भारतीय सेवाओं के अधिकारी हिंदी भाषी
 राज्यों में सेवारत होते हुए हिंदी भाषा में कार्य कर ही रहे हैं।
 राजस्थान उच्च न्यायालय की तो प्राधिकृत भाषा हिंदी ही है
 और हिंदी से भिन्न भाषा में कार्यवाही केवल उन्ही
 न्यायाधीश के लिए अनुमत है, जो हिंदी भाषा नहीं 
जानते हों। क्रमशः बिहार और उत्तरप्रदेश उच्च न्यायालयों में
 भी हिंदी भाषा में कार्य होता है। न्यायालय जनता की सेवा के
 लिए बनाये जाते हैं और उन्हें जनता की अपेक्षाओं पर खरा
 उतरना चाहिए। हिंदी भाषा को उच्चतम न्यायालय में कठोर 
रूप से लागू करने की आवश्यकता ही नहीं है, अपितु वैकल्पिक
 रूप से इसकी अनुमति दी जा सकती है और कालांतर में हिंदी
 भाषा का समानांतर प्रयोग किया जा सकता है। आखिर हमें
 स्वदेशी भाषा हिंदी लागू करने के लिए कोई लक्ष्मण रेखा खेंचनी
 होगी-शुभ शुरुआत जो करनी है।
अब देश में हिंदी भाषा में कार्य करने में सक्षम
 न्यायविदों और साहित्य की भी कोई कमी नहीं है।
 न्यायाधीश बनने के इच्छुक, जिस प्रकार कानून सीखते हैं,
 ठीक उसी प्रकार हिंदी भाषा भी सीख सकते हैं,
 चूंकि किसी न्यायाधीश को हिंदी नहीं आती,
 अत: न्यायालय की भाषा हिंदी नहीं रखी जाए,
 तर्कसंगत व औचित्यपूर्ण 
नहीं है। इससे यह संकेत मिलता है कि न्यायालय 
न्यायाधीशों और वकीलों की सुविधा के लिए बनाये जाते हैं।
 देश के विभिन्न न्यायालयों से ही उच्चतम न्यायालय
 और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश आते हैं।
 देश के कुल 18008 अधीनस्थ न्यायालयों में
 से 7165 न्यायालयों की भाषा हिंदी हैं और शेष
 न्यायालयों की भाषा अंग्रेजी अथवा स्थानीय भाषा है
। इन अधीनस्थ न्यायालयों में भी कई न्यायालयों
 की कार्य की भाषा अंग्रेजी है, जबकि अभियोजन
 की प्रस्तुति हिंदी या क्षेत्रीय भाषा में की जा रही है।
 पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल,
 महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, तमिलनाडु आदि इसके उदाहरण हैं।
 इस प्रकार कई राज्यों में अधीनस्थ न्यायालयों,
 उच्च न्यायालय में अभियोजन की भाषाएं भिन्न-भिन्न हैं
, किंतु उच्च न्यायालय अपनी भाषा में सहज रूप से कार्य कर रहे हैं।

संसदीय राजभाषा समिति की संस्तुति संख्या 44
 को स्वीकार करने वाले राष्ट्रपति के आदेश को प्रसारित 
करते हुए राजभाषा विभाग के (राजपत्र में प्रकाशित)
 पत्रांक I/20012/07/2005-रा.भा.(नीति-1) दिनांक 02.07.2008
 में कहा गया है-“जब भी कोई मंत्रालय विभाग
 या उसका कोई कार्यालय या उपक्रम अपनी वेबसाइट
 तैयार करे तो उसे अनिवार्य रूप से द्विभाषी तैयार किया जाए
। जिस कार्यालय की वेबसाइट केवल अंग्रेजी में है
, उसे द्विभाषी बनाए जाने की कार्यवाही की जाए।
”  फिर भी राजभाषा को लागू करने में कोई कठिनाई
 आती है तो केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो अथवा
 आउटसोर्सिंग से इस प्रसंग में सहायता भी ली जा सकती है।

संसदीय राजभाषा समिति की रिपोर्ट खंड-5 में
 की गयी संस्तुतियों को राष्ट्रपति की पर्याप्त 
समय से पहले, राज-पत्र में
 प्रकाशित पत्रांक I/20012/4/92-रा.भा.(नीति-1) दिनांक
 24.11.1998 से ही स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
 संस्तुति संख्या (12)-उच्चतम न्यायलय के महा-रजिस्ट्रार के
 कार्यालय को अपने प्रशासनिक कार्यों में
 संघ सरकार की राजभाषा नीति का अनुपालन 
करना चाहिए। वहां हिंदी में कार्य करने के लिए
 आधारभूत संरचना स्थापित की जानी चाहिए और
 इस प्रयोजन के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों
 को प्रोत्साहन दिए जाने चाहिएं। संस्तुति संख्या
 (13)-उच्चतम न्यायालय में अंग्रेजी के
 साथ–साथ हिंदी का प्रयोग प्राधिकृत होना चाहिए
। प्रत्येक निर्णय दोनों भाषाओं में उपलब्ध हों।
 उच्चतम न्यायालय द्वारा हिंदी और अंग्रेजी
 में निर्णय दिया जा सकता है, अत: अब कानूनी रूप
 से भी उच्चतम न्यायालय में हिंदी भाषा के प्रयोग
 में कोई बाधा शेष नहीं रह गयी है।

संविधान के अनुच्छेद 348 में यह प्रावधान है कि
 जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे
 तब तक उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च
 न्यायालय में सभी कार्यवाहियां अंग्रेजी भाषा में होंगी
। उच्च न्यायालयों में हिंदी भाषा के प्रयोग का प्रावधान
 दिनांक 07-03-1970 से किया जा चुका है और
 वे राजभाषा अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत
 अपनी कार्यवाहियां हिंदी भाषा में स्वेच्छापूर्वक
 कर रहे हैं। ठीक इसी के समानांतर राजभाषा 
अधिनियम में निम्नानुसार धारा 7क अन्तः
स्थापित कर संविधान के रक्षक उच्चतम न्यायालय
 में भी हिंदी भाषा के वैकल्पिक उपयोग का मार्ग
 प्रक्रियात्मक रूप से खोला जा सकता है।

धारा 7 क. उच्चतम न्यायालय के निर्णयों आदि में हिंदी

 का वैकल्पिक प्रयोग-“नियत दिन से ही या तत्पश्चात्‌
 किसी भी दिन से राष्ट्रपति की पूर्व सम्मति से, अंग्रेजी
 भाषा के अतिरिक्त हिंदी भाषा का प्रयोग, उच्चतम
 न्यायालय द्वारा पारित या दिए गए किसी निर्णय,
 डिक्री या आदेश के प्रयोजनों के लिए प्राधिकृत कर
 सकेगा और जहां कोई निर्णय, डिक्री या आदेश हिंदी
 भाषा में पारित किया या दिया जाता है, वहां उसके
 साथ-साथ उच्चतम न्यायालय के प्राधिकार से निकाला
 गया अंग्रेजी भाषा में उसका अनुवाद भी होगा।” इस हेतु 
संविधान में किसी संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है।
 हिंदी के वैकल्पिक उपयोग के प्रावधान से न्यायालय की
 कार्यवाहियों में कोई व्यवधान या हस्तक्षेप नहीं होगा, 
अपितु राष्ट्र भाषा के प्रसार के एक नए अध्याय का शुभारंभ हो सकेगा।

CONSUMERS RIGHT

उपभोक्ता संरक्षण के नियम

भारत को शोषण रहित राष्ट्र बनाना प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है। 
भौतिकवाद युग में ऐसा करना कठिन तो है लेकिन असंभव नहीं।
 आज आवश्यकता ये है कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों 
और कर्त्तव्यों के प्रति सचेत किया जाए। जागरूक उपभोक्ता सफल उपभोक्ता होता है।
 वही शोषण मुक्त समाज की रचना कर सकता है।

प्रत्येक व्यक्ति उपभोक्ता है। उसे अपने जीवन यापन के लिए सुख सुविधाओं की जरूरत है। 
वह वस्तुओं को खरीदता है या दाम दे कर किराए पर या सर्विस प्राप्त करता है।
 देश का नागरिक होने के नाते भी वह विशेष सुविधओं को प्राप्त करने का अधिकारी है।
 यदि उसके हितों की रक्षा न हो रही हो तो वह उपभोक्ता संरक्षण
अधिनियम के अधीन उसे प्राप्त कर सकता है।
 हर देश ने अपने उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए नियम बनाए है 
और विश्व भर में 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है।

भारत में सामाजिक अन्याय, आर्थिक विषमता अनैतिकता, भेदभाव और राजनीतिज्ञ अपराधीकरण जैसे कुरीतियों के समाधान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम संसद में पास करवाया। इसी कारण प्रत्येक वर्ष 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस और 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। 1986 के बाद 1991, 1993 और 2002 में इस अधिनियम में कुछ संशोधन किए गए।

अधिनियम के अनुसार इस समय जिला मंच में बीस लाख, राज्य आयोग में एक करोड़ तक और इससे अधिक राशि की क्षतिपूर्ति के लिए राष्ट्रीय आयोग का सहारा लिया जा सकता है। प्रत्येक उपभोक्ता को अपने कल्याण हेतु, समाज व राष्ट्र की स्थिरता अर्थव्यवस्था को सुढ़ और विकासशील बनाने के लिए अपने अधिकारी और

कर्त्तव्यों का ज्ञान होना अति आवश्यक है। अधिनियम की मुख्य विशेषताएं हैं :
1. यह सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिए लागू होता है जब तक कि केन्द्र सरकार द्वारा विशेष छूट न दी जाए।

2. इसमें सभी क्षेत्र शामिल होते हैं चाहे वह निजी, सरकारी और सहकारी या कोई व्यक्ति हो अधिनियम के प्रावधान प्रतिपूरक तथा रोधी एवं दंडात्मक प्रकृति के है।

3. इसमें उपभोक्ताओं के लिए निम्नलिखित अधिकार अंतरनिहित हैं -

* ऐसे वस्तुओं और सेवाओं के विपरण के विरूद संरक्षण का अधिकार जो जान और माल के लिए खतरनाक है।

* वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता मात्रा, क्षमता, शुद्धता, स्तर और कीमत के बारे में सूचना का अधिकार ताकि छल कपट व्यापार प्रचलन से उपभोक्ताओं की रक्षा की जा सके।

* जहां कहीं भी संभव हो बीमित होने का अधिकार प्रति स्पर्धात्मक कीमत पर विभिन्नकिस्मों की वस्तुओं और सेवाओं की पहुंच।

* सुनवाई का अधिकार और वह आश्वासित होने का अधिकार कि उपभोक्ता के हितों पर उपभुक्त मंच पर विधिवत रूप से विचार किया जाएगा।

* कपटी व्यापार या उपभोक्ताओं के अविवेकपूर्ण शोषण के विरूद्ध समाधान का अधिकार और उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।

अधिकारों के साथ-साथ कर्त्तव्यों का ज्ञान होना भी जरूरी :

1. वस्तु खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता और मूल्य की पूरी जानकारी।

2. झूठे और भ्रामक विज्ञापनों से सावधानी।

3. आईएसआई, एगमार्क और भरोसेमंद कंपनियों की वस्तुओं की खरीद।

4. खरीद की रसीद प्राप्ति। गारंटी-वारंटी कार्ड हो तो वह लेना न भूलें।

5. दोष पूर्ण वस्तु, अधिक मूल्य या त्रुटि पूर्ण सेवाओं के विरुद्ध जिला मंच, राज्य और राष्ट्रीय आयोग में शिकायत दर्ज करवाएं।

Saturday, 7 March 2015

महान हस्तियों का जन्म(birthday of great personality )

महान हस्तियों का जन्म💐
Jan...
 12-1-1863 स्वामी विवेकानंद
28-1-1865 लाला लजपतराय
1-1-1894 जगदीश चंद्र बोंज
23-1-1897 सुभाष चंद्र बोंज
13-1-1949 राकेश शर्मा
20-1-1900 जनरल के.ऍम.    करिअप्पा
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Feb...

18-2-1486 महाप्रभु चेतन्य
18-2-1836 रामकुष्ण परमहंस
22-2-1873 मोहम्मद इकबाल
13-2-1879 सरोजिनी नायडु
29-2-1896 मोरारजी देसाइ
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March...

23-3-1910 डॉ. राममनोहर लोहिया
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April...

15-4-1469 गुरु नानक देवजी
14-4-1563 गुरु अर्जुन देवजी
14-4-1891 डॉ.भीमराव                   आंबेडकर
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May...

5-5-1479   गुरु अमरदास
31-5-1539 महाराणा प्रताप
6-5-1861   मोतीलाल नेहरु
7-5-1861   रविन्द्रनाथ टेगोर
9-5-1866   गोपालकृष्ण गोखले
24-5-1907 महादेवी वर्मा
2-5-1921   सत्यजित राय
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Jun...

26-6-1838 बंकिमचंद्र चट्टो         पाध्याय
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July...

23-7-1856 लोकमान्य तिलक
31-7-1880 प्रेमचंद मुनशी
29-7-1904 जे. आर. डी. टाटा
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Aug...

27-8-1910  मधर टेरेसा
29-8-1905  ध्यानचंद
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Sept...

26-9-1820 ईश्वरचंद्र           विद्यासागर
4-9-1825  दादाभाई नवरोजी
10-9-1887 गोविंद वल्लभ पंत
5-9-1888  डॉ. राधाकृष्ण
11-9-1895 विनोबा भावे
27-9-1907 भगतसिंह
15-9-1861 ऍम.विश्वसरेइया
15-9-1876 शरदचंद्र चटोपाध्याय
------------------------------------------
Oct...

1-10-1847 डॉ. ऐनी.बेसन्ट
2-10-1869 महात्मा गांधीजी
22-10-1873 स्वामी रामतीर्थ
31-10-1875 सरदार वल्लभभाई पटेल
31-10-1889 आचार्य नरेन्द्रदवे
11-10-1902 जयप्रकाश नारायण
30-10-1909 डॉ. होमी भाभा
19-10-1920 पांडुरंग शास्त्रीजी
आठवले पु. दादा
------------------------------------------
Nove...

13-11-1780 महाराणा रणजीतसिंह
4-11-1845 वासुदेव बळवंत फडके
7-11-1858 बिपिनचंद्र पाल
30-11-1858 जगदीशचंद्र बोज
5-11-1870 देशबंधु चितरंजनदास
11-11-1888 मौलाना आज़ाद
4-11-1889 जमनालाल बजाज
19-11-1917 श्रीमती इंदिरागांधी
23-11-1926 श्री सत्यसाई बाबा
4-11-1939 शकुंतलादेवी
12-11-1896 सलीमअली
------------------------------------------
Dec...

9-12-1484 महाकवि सूरदास
25-12-1861 मदनमोहन मालविया
27-12-1869 ठक्कर बापा
7-12-1879 चक्रवर्ती राजगोपालचारी
3-12-1884 डॉ. राजेन्द्रप्रसाद
30-12-1887 कनैयालालमुनशी
11-12-1931 राजेन्द्रकुमार जेन ओसो रजनीश
22-12-1887 रामानुजम

Saturday, 21 February 2015

interesting facts


कुछ रोचक जानकारी क्या आपको पता है ?


1. 📚 चीनी को जब चोट पर लगाया जाता है, दर्द तुरंत कम हो जाता है...
2. 📚 जरूरत से ज्यादा टेंशन आपके दिमाग को कुछ समय के लिए बंद कर सकती है...
3.📚 92% लोग सिर्फ हस देते हैं जब उन्हे सामने वाले की बात समझ नही आती...
4.📚 बतक अपने आधे दिमाग को सुला सकती हैंजबकि उनका आधा दिमाग जगा रहता....
5.📚 कोई भी अपने आप को सांस रोककर नही मार सकता...
6.📚 स्टडी के अनुसार : होशियार लोग ज्यादा तर अपने आप से बातें करते हैं...
7.📚 सुबह एक कप चाय की बजाए एक गिलास ठंडा पानी आपकी नींद जल्दी खोल देता है...
8.📚 जुराब पहन कर सोने वाले लोग रात को बहुत कम बार जागते हैं या बिल्कुल नही जागते...
9.📚 फेसबुक बनाने वाले मार्क जुकरबर्ग के पास कोई कालेज डिगरी नही है...
10.📚 आपका दिमाग एक भी चेहरा अपने आप नही बना सकता आप जो भी चेहरे सपनों में देखते हैं वो जिदंगी में कभी ना कभी आपके द्वारा देखे जा चुके होते हैं...
11.📚 अगर कोई आप की तरफ घूर रहा हो तो आप को खुद एहसास हो जाता है चाहे आप नींद में ही क्यों ना हो...
12.📚 दुनिया में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला पासवर्ड 123456 है.....
13.📚 85% लोग सोने से पहले वो सब सोचते हैं जो वो अपनी जिंदगी में करना चाहते हैं...
14.📚 खुश रहने वालों की बजाए परेशान रहने वाले लोग ज्यादा पैसे खर्च करते हैं...
15.📚 माँ अपने बच्चे के भार का तकरीबन सही अदांजा लगा सकती है जबकि बाप उसकी लम्बाई का...
16.📚 पढना और सपने लेना हमारे दिमाग के अलग-अलग भागों की क्रिया है इसी लिए हम सपने में पढ नही पाते...
17.📚 अगर एक चींटी का आकार एक आदमी के बराबर हो तो वो कार से दुगुनी तेजी से दौडेगी...
18.📚 आप सोचना बंद नही कर सकते.....
19.📚 चींटीयाँ कभी नही सोती...
20.📚 हाथी ही एक एसा जानवर है जो कूद नही सकता...
21.📚 जीभ हमारे शरीर की सबसे मजबूत मासपेशी है...
22.📚 नील आर्मस्ट्रांग ने चन्द्रमा पर अपना बायां पाँव पहलेरखा था उस समय उसका दिल 1 मिनट में 156 बार धडक रहा था...
23.📚 पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण बल के कारण पर्वतों का 15,000मीटर से ऊँचा होना संभव नही है...
23.📚 शहद हजारों सालों तक खराब नही होता..
24.📚 समुंद्री केकडे का दिल उसके सिर में होता है...
25.📚 कुछ कीडे भोजन ना मिलने पर खुद को ही खा जाते है....
26.📚 छींकते वक्त दिल की धडकन 1 मिली सेकेंड के लिए रूक जाती है...
27.📚 लगातार 11 दिन से अधिक जागना असंभव है...
28.📚 हमारे शरीर में इतना लोहा होता है कि उससे 1 इंच लंबी कील बनाई जा सकती है.....
29.📚 बिल गेट्स 1 सेकेंड में करीब 12,000 रूपए कमाते हैं...
30.📚 आप को कभी भी ये याद नही रहेगा कि आपका सपना कहां से शुरू हुआ था...
31.📚 हर सेकेंड 100 बार आसमानी बिजली धरती पर गिरती है...
32.📚 कंगारू उल्टा नही चल सकते...
33.📚 इंटरनेट पर 80% ट्रैफिक सर्च इंजन से आती है...
34.📚 एक गिलहरी की उमर,, 9 साल होती है...
35.📚 हमारे हर रोज 200 बाल झडते हैं...
36.📚 हमारा बांया पांव हमारे दांये पांव से बडा होता हैं...
37.📚 गिलहरी का एक दांत हमेशा बढता रहता है....
38.📚 दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमी एक साल में इतना कमा लेते हैं जिससे दुनिया
की गरीबी 4 बार खत्म की जा सकती है...
39.📚 एक शुतुरमुर्ग की आँखे उसके दिमाग से बडी होती है...
40.📚 चमगादड गुफा से निकलकर हमेशा बांई तरफ मुडती है...
41.📚 ऊँट के दूध की दही नही बन सकता...
42.📚 एक काॅकरोच सिर कटने के बाद भी कई दिन तक जिवित रह सकता है...
43.📚 कोका कोला का असली रंग हरा था...
44.📚 लाइटर का अविष्कार माचिस से पहले हुआ था...
45.📚 रूपए कागज से नहीं बल्कि कपास से बनते है...
46.📚 स्त्रियों की कमीज के बटन बाईं तरफ जबकि पुरूषों की कमीजके बटन दाईं तरफ होते हैं...
47.📚 मनुष्य के दिमाग में 80% पानी होता है.
48.📚 मनुष्य का खून 21 दिन तक स्टोर किया जा सकता है...
49.📚 फिंगर प्रिंट की तरह मनुष्य की जीभ के निशान भी अलग-अलग होते हैं



swine flu

: swine flu का सच ......
______________

मित्रो जैसा की आप जानते हैं पिछले कुछ दिनो से पूरे देश मे हँगामा हो रहा है swine flu आ गया swine flu आ गया ! swine flu आ गया ! अखबारो मे front page पर खबर है! TV चैनलो पर इसके इलवा दूसरी कोई खबर ही नही है !

लेकिन क्या आप जानते है ??

हमारे देश मे हर दिन कैंसर से ओसतन(avg) 1500 लोग मरते है ! लेकिन कोई खबर नही आती !

दमा , अस्थमा ,ट्यूबर क्लोसिस लगभग 1200 लोग रोज मरते हैं लेकिन कोई खबर नहीं आती !

heart attack से हर दिन 800 से 1000 लोग मरते हैं !
लेकिन कोई खबर नहीं आती !

तो इतनी बड़ी मौत के आंकड़े हैं ! कैंसर ,दमा अस्थमा ,ट्यूबर क्लोसिस,heart attack ! इनके बारे मे मीडिया मे कोई चर्चा नहीं है ! चर्चा सिर्फ एक ही है swine flu,swine flu,swine flu,

इसका एक रहस्य है ! रहस्य ये है कैंसर का वैक्सीन (vaccine) नहीं बनता !वैक्सीन (vaccine का अर्थ आप समझते है ??
जो दवा पहले पिला दी जाती है कि ये ले लो आपको ये बीमारी नहीं होगी !!,
तो कैंसर का वैक्सीन (vaccine) नहीं बनता !दमा का वैक्सीन नहीं बनता ,अस्थमा का वैक्सीन नहीं बनता, ट्यूबर क्लोसिस का वैक्सीन नहीं बनता ! heart attack का वैक्सीन नहीं बनता !

मतलब ये है कि जिन बीमारीयों का कोई वैक्सीन नहीं बनता media उनकी चर्चा नहीं करता ! क्यूंकि कंपनियो को इन बीमारियो से कोई लाभ होने की गुंजाईश नहीं !

लेकिन swine FLU का वैक्सीन बन सकता है ,avian flu का वैक्सीन बन सकता है sars का वैक्सीन बन सकता है ! और थोड़े दिन पहले bird flu आया था ! उसका वैक्सीन बन सकता है !

तो swine है ,avian flu है ,bird flu है ! इन सबके वैक्सीन बन सकते है और बाजार मे बिक सकते हैं ! तो इनमे कंपनियो को भयंकर मुनाफा है ! इस लिए ये सब परयोजित तरीके से media मे दिखाया जाता है !

एक अमेरिकन कंपनी है वे swine flu की दवा बानाती है जिसका नाम है tamiflu ! और जैसा की आप जानते है किसी भी बीमारी की वैक्सीन मे हमेशा बीमारी के virus को ही मृत रूप मे डाला जाता है ! तो ये tamiflu दवा बनाते बनाते virus uncontrolled हुआ ! और उसने swine flu को फैलाना शुरू किया सारी दुनिया मे !

मतलब एक अमेरिकन कंपनी की बदमाशी से एक अमेरिकन कंपनी की गैरजिम्मेदारी से से swine flu का virus सक्रीय हुआ और उसने 30 देशो को अपनी चपेट मे ले लिया ! अब वो 30 देश है tamiflu के ग्राहक हो गए ! अब जिनको swine flu होने की संभावना है या हो गया है डाक्टर उनको एक ही दवा लिख रहे है tamiflu खाओ tamiflu खाओ !

लेकिन जो विद्वान डाक्टर है जो इन कंपनियो के चक्कर मे नहीं फँसते ! वो बता रहे है tami flu कभी मत खाओ ! क्यूकि आपने जब tamiflu खाया ! तो ये जो swine flu का virus है ये structure बदलने मे माहिर है तुरंत नया structure ले सकता है और फिर उसमे रजिसटेन्स आ सकता है और फिर जितना मर्जी tamiflu खाना ठीक ही नहीं होगा !

तो ऐसा आंतक पूरे देश मचा दिया है जिसके दो ही उदेश्य है ज्यादा से ज्यादा tamiflu दवा बेचना ! जो पिछले 10 सालो से कंपनी ने गोदामो मे भरी हुई है ! अब वो गोदाम को toothpaste के गोदाम तो नहीं है जो रोज करे और फेंक दे ! इसके लिए डर ,दहशत ,आंतक पैदा करना पड़ता है ! डर दहशत और आंतक के चक्कर मे मजबूर हो जाता है आदमी मंहगी से महंगी दवा खाने पर और महंगा से मंहगा इलाज करवाने पर !

तो आपसे ये बात कहनी है ये swine flu का virus इसी तरह का एक propaganda है और ये swine flu नहीं media flu है media ने पैदा किया है !

_______________________________________
दोस्तो ये कंपनिया कितनी बड़ी हत्यारी और लूट खोर हो सकती हैं आप सोचिए ! सन 1916 से 1919 मे एक बीमारी फैल गई पूरी दुनिया मे उसका नाम था avian flu ! और पूरी दुनिया मे इससे बीमारी से 4 crore लोग प्रभावित हुये ! लेकिन 4 crore मे से सिर्फ 6 हजार लोगो की मौत हुई ! तभी अमेरिका की एक कंपनी मे एक वैक्सीन बना दिया avian flu का ! और वो धडले से बिका पूरी दुनिया मे ! और आपको ये जान कर बहुत दुख होगा वो वैक्सीन लेने के बाद 60 लाख लोग पूरी दुनिया मे मर गए !

बीमारी आने से 6 हजार लोग मरे लेकिन बीमारी का वैक्सीन लेने 60 लाख लोग पूरी दुनिया मे मर गए ! तो आप सोचिए ये वैक्सीन कितने खतरनाक हो सकते हैं ! अभी इसी बात का डर है ऐसे ही swine flu का वैक्सीन आने वाला है ! पता नहीं उससे क्या होगा !! और swine flu के एक वैक्सीन की कीमत कंपनी बोल रही है 3000 रुपए ! आप सोचिए इसके डर अगर भारत मे केवल 10 crore लोगो ने ही वैक्सीन लगा दिया ! तो 30 हजार crore की बिक्री तो कंपनी की केवल भारत मे ही हो गई !

ऐसे ही दोस्तो कुछ साल पहले की बात है आपको याद होगा ! पूरे भारत मे खबर फैल गई hepatitis b आ गया hepatitis b आ गया ! और कितने ही करोड़ लोगो ने इसका वैक्सीन लिया !(आपमे से भी शायद बहुत लोगो ने लिया होगा या अपने बच्चो को पिलाया होगा !) हर जगह इसके कैंप लगाए गए ! डर के कारण पागलो की तरह भीड़ उमड़ी ! थोड़े दिन बाद मुंबई हाईकोर्ट मे इसके खिलाफ मुकदमा हुआ ! तब कोर्ट ने आदेश दिया इसकी जान micro (सूक्षम ) सतर पर करो !!

फिर तब पता चला ये hepatitis b नाम की बीमारी भारत मे होती ही नहीं है ! बीमारी होती है hepatitis A की जिसे आप पीलिया बोलते हैं सामान्य ये बारिश के दिनो मे होती ही है ! पानी मे गंदगी आने से ये होता है !! तो बीमारी होती है hepatitis A की और वैक्सीन दे दिया hepatitis b का ! तो सबको वैक्सीन पिला हजारो करोड़ दो कंपनियो ने लूट लिया !बाद मे अदालत का फैसला आया !
अगर बीमारी ही नहीं है तो वैक्सीन क्यूँ लगाए ! तब आदालत ने आदेश दिया हो hepatitis b का वैक्सीन पिलाएगा ! उसको जेल मे डाल देंगे !!

उसके बाद सभी संस्थाओ ने इसको बंद कर दिया ! और फिर कंपनी ने भी इसका धंधा बंद कर दिया !! अधिकारियों का कहना था सारा माल बिक गया है ! अब तो वैसे भी जरूरत नहीं !

तो दोस्तो इसी तरह का ड्रामा जल्दी swine flu के नाम पर होने वाला है ! कंपनी को आपके स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं उनको बस माल बेचना और पैसा कमाना है ! इस लिए आप जरा संभल कर रहिए ! व...

Tuesday, 27 January 2015

money and banking info


मुद्रा एवं बैंकिंग से जुड़े जानकारी

: BANKS AND THEIR HEADQUARTERS   
==============================================
[1] Allahabad Bank - Kolkata
[2] Andhra Bank - Hyderabad
[3] Bank of Baroda - Vadodara (Baroda)
[4] Bank of India - Mumbai
[5] Bank of Maharashtra - Pune
[6] Bharatiya Mahila Bank - New Delhi
[7] Canara Bank - Bengaluru
[8] Central Bank of India - Mumbai
[9] Corporation Bank - Mangalore
[10] Dena Bank - Mumbai
[11] Indian Bank - Chennai
[12] Indian Overseas Bank - Chennai
[13] Oriental Bank of Commerce - Gurgaon
[14] Punjab and Sindh Bank - New Delhi
[15] Punjab National Bank - New Delhi
[16] State Bank of India - Mumbai
[17] Syndicate Bank - Manipal
[18] Union Bank of India - Mumbai
[19] United Bank of India - Kolkata
[20] UCO Bank - Kolkata

[21] Vijaya Bank - Bangalore

: बैंक नोट: वो सबकुछ जो आप हमेशा जानना चाहते थे
=============================
►कौन तय करता है कि कितने रुपये छपेंगे?
-कब और कितने करेंसी नोट छपने हैं,
इसका फैसला रिजर्व बैंक करता है।
-इसे करेंसी मैनेजमेंट कहते हैं।
-बैंक किस मूल्य के कितने नोट छापेगा, यह विकास दर,
मुद्रास्फीति दर, कटे-फटे
नोटों की संख्या और रिजर्व स्टॉक
की जरूरतों पर निर्भर करता है।
-करेंसी नोट की मांग का पता लगाने के लिए
सांख्यिकीयविधियों का सहारा लिया जाता है।
►इन्हें कहां पर छापा जाता है स्याही, कागज
कहां का?
-देश में चार बैंक नोट प्रेस, चार टकसाल और एक पेपर मिल है।
-नोट प्रेस मध्यप्रदेश के देवास, नासिक,
सालबोनी और मैसूर में हैं।
-1000 के नोट मैसूर में छपते हैं।
-देवास की नोट प्रेस में एक साल में 265 करोड़ नोट
छपते हैं।
-इनमें 20, 50, 100, 500 रुपए मूल्य के नोट शामिल हैं।
-देवास में तैयार स्याही का ही उपयोग
किया जाता है।
-मप्र के ही होशंगाबाद में सिक्यूरिटी पेपर
मिल है।
-नोट छपाई पेपर होशंगाबाद और विदेश से आते हैं।
जबकि टकसाल मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में हैं।
►हम तक करेंसी कैसे पहुंचती है?
-रिजर्व बैंक के देशभर में 18 इश्यू ऑफिस हैं। ये अहमदाबाद,
बेंगलुरू, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई,
गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता,
मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना व थिरुवनंतपुरम में
स्थित हैं।
-इसके अलावा एक सब-ऑफिस लखनऊ में है। प्रिंटिग प्रेस में
छपे नोट सबसे पहले इन ऑफिसों में पहुंचते हैं। यहां से उन्हें
कमर्शियल बैंक की शाखाओं को भेजा जाता है।
►बेकार हो चुके नोटों को कहां जमा करते हैं?
नोट तैयार करते वक्त ही उनकी ‘शेल्फ
लाइफ’ (सही बने रहने की अवधि) तय
की जाती है। यह अवधि समाप्त होने पर
या लगातार प्रचलन के चलते नोटों में खराबी आने पर
रिजर्व बैंक इन्हें वापस ले लेता है। बैंक नोट व सिक्के
सर्कुलेशन से वापस आने के बाद इश्यू ऑफिसों में जमा कर दिए
जाते हैं। रिजर्व बैंक सबसे पहले इनके असली होने
की जांच करता है। उसके बाद इन नोटों को अलग
किया जाता है, जो दोबारा जारी किए जा सकते हैं। बेकार
हो चुके नोटों को नष्ट कर दिया जाता है। इसी तरह
सिक्कों को गलाने के लिए मिंट भेज दिया जाता है।
►बैंक नोट क्यों कहते हैं?
रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाने के कारण इन्हें बैंक
नोट कहा जाता है।
►कैसे छपते हैं?
विदेश या होशंगाबाद से आई पेपर शीट एक खास
मशीन सायमंटन में
डाली जाती है। फिर एक अन्य
मशीन जिसे इंटाब्यू कहते हैं उससे कलर
किया जाता है। यानी कि शीट पर नोट छप
जाते हैं। इसके बाद अच्छे और खराब नोट
की छटनी हो जाती है। खराब
को निकालकर अलग करते हैं। एक शीट में
करीब 32 से 48 नोट होते हैं।
►कैसे नंबर अंकित करते हैं?
शीट पर छप गए नोटों पर नंबर डाले जाते हैं। फिर
शीट से नोटों को काटने के बाद एक-एक नोट
की जांच की जाती है। फिर
इन्हें पैक किया जाता है। पैकिंग के बाद बंडलों को विशेष सुरक्षा में
ट्रेन से भारतीय रिजर्व बैंक तक भेजा जाता है।
►क्या खासियत होती है
इनमें?
* बैंक नोट
की संख्या चमकीली स्याही से
मुद्रित होती है। बैंक नोट में चमकीले रेशे
होते हैं। अल्ट्रावायलेट रोशनी में दोनों देखे जा सकते
हैं।
* कॉटन और कॉटन के रेशे मिश्रित एक वॉटरमार्क पेपर पर नोट
मुद्रित किया जाता है।
* नई श्रंखला वाले 500 और 1000 रुपए मूल्य के नोट
की छपाई के लिए प्रति वर्ग सेमी वजन
को बढ़ाने के साथ-साथ अधिक मोटाई वाले कागज का उपयोग
किया गया है।
● RTGS लेन-देन के लिए निर्धारित न्यूनतम और
अधिकतम
सीमा (रुपयों में) → न्यूनतम सीमा 2 लाख रुपये और
अधिकतम सीमा कोई नहीं है।
● भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक)
की स्थापना कब की गई → 1 जनवरी,
1982
● आर्थिक नियोजन किस सूची का विषय है? →
समवर्ती सूची का
● प्लास्टिक मनी क्या है? → क्रेडिट कार्ड
● राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान कहां है →
हैदराबाद में
● भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर कौन हैं? → रघुराम
राजन
● भारत का सबसे पहला बैंक कौन-सा था? → बैंक
ऑफ हिंदुस्तान
● योजना में कोर सेक्टर का क्या तात्पर्य है? →
चयनित आधारभूत उद्योग
● बंद अर्थव्यवस्था का क्या अर्थ है? → आयात-
निर्यात
की अनुपस्थिति
● किस राज्य सरकार ने पहली पीढ़ी के उद्यमियों के
लिए एंजेल फंड की शुरुआत की है? →
असम
● अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय कहां है? →
वाशिंगटन
● भारत में विदेशी मुद्रा पर किसका नियंत्रण है →
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
● भारत की राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है →
केंद्रीय
सांख्यिकीय संगठन द्वारा
● विश्व बैंक का मुख्यालय कहाँ स्थित है →
वाशिंगटन डी. सी.
● भारत सरकार ने पहली बार बैंकों का (14 बैंकों का)
राष्ट्रीयकरण कब किया था? →
19 जुलाई, 1969 को
● पूर्ण रूप से प्रथम भारतीय बैंक कौन-सा था? →
पंजाब नेशनल बैंक
● एशियाई विकास बैंक का मुख्यालय कहां स्थित है
→ मनीला
● स्टैगफ्लेशन क्या है? → मंदी के साथ मुद्रास्फीति
● केंद्रीय राजस्व बोर्ड का विभाजन करके केंद्रीय
उत्पाद शुल्क,
सीमा शुल्क बोर्ड एवं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
का गठन किस वर्ष किया गया था →
1963 ई. में
● विश्व बैंक की उदार ऋण प्रदान करने
वाली खिड़की किसे
कहा जाता है? → अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
को
● भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा परिकल्पित किये गये
‘ऑन टैप
लाइसेंसिंग’ का क्या उद्देश्य है? → किसी भी समय
पूर्ण
सेवा बैंकों को खोलने के लिए केंद्रीय बैंक में आवेदन
करने
की सुविधा प्रदान करना
● जिस बाजार में स्टॉक
जैसी दीर्घावधि प्रतिभूतियां खरीदी और
बेची जाती हैं, उसे
सामान्यतः कहते हैं → पूंजी बाजार
● भारत में 50 रुपए के करेंसी नोट पर हस्ताक्षर होते हैं
→ गवर्नर, आरबीआई
● मुख्यतः आवास ऋण का संबंध जिस बैंक से है वह है →
HDFC
● बैंकों द्वारा किसानों को फसल ऋण देने के लिए शुरू
की गई
सुविधा → किसान क्रेडिट कार्ड
● बैंकों में ग्राहक सेवा सुधारने के लिए सुझाव देने के
लिए
जो समिति गठित की गई थी →
गोइपोरिया समिति
● कमजोर बैंकों की पुनर्संरचना हेतु सिफारिश देने के
लिए गठित की गई समिति →
वर्मा समिति
● ‘पिगमी डिपॉजिट स्कीम’ किस बैंक की प्रचलित
योजना है? → सिंडिकेट बैंक
● भारत का पहला व्यावसायिक बैंक
जिसका स्वामित्व व प्रबंधन पूर्णतः भारतीयों के
पास
था? → सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
● भारत का सबसे अधिक शाखाओं वाला बैंक →
भारतीय स्टेट बैंक
● पहला भारतीय बैंक, जिसका प्रारंभ
पूर्णतया भारतीय पूंजी से हुआ था → पंजाब नेशनल
बैंक
● भारत में कार्यरत निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक →
आईसीआईसीआई बैंक
● जिस ऋण उत्पाद के लिए बैंकों द्वार टीजर ऋण
दिए जाते हैं, वह है → आवास ऋण
● बैंकिंग शब्दावली आई एम पी एस (IMPS) का पूर्ण
विस्तार है → इंटरबैंक मोबाइल
पेमेंट सर्विस
● भारतीय स्टेट बैंक का पुराना नाम है → इंपीरियल
बैंक ऑफ इंडिया
● भारतीय रुपए को नई पहचान प्राप्त हुई → 15
जुलाई, 2010 में
● भारतीय रिजर्व बैंक जिस बैंक के माध्यम से भारत के
विदेश
व्यापार का वित्त पोषण करने के लिए मदद करता है
→ एक्जिम बैंक
● निवेश के संदर्भ में A, AA+ और AAA से तात्पर्य है →
क्रेडिट रेटिंग
● ‘CORE’ बैंकिंग सर्विसेज में CORE का पूरा नाम है →
Centralized Online Realtime Exchange
● विश्व बैंक की ‘उदार ऋण प्रदान करने
वाली खिड़की’ कहा जाता है
→ अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
● बैंकिंग क्षेत्र जिस क्षेत्र के अंतर्गत आता है, वह है →
सेवा क्षेत्र
● भारत का प्रथम आई.एस.ओ. प्रमाण पत्र वाला बैंक
है →
केनरा बैंक
● प्रथम बैंक जिसने 1946 में भारत से बाहर लंदन में
अपनी शाखा खोली → बैंक ऑफ इंडिया
● वर्तमान समय में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्ष

अरूंधती भट्टाचार्या
● अल्पकालिक अवधि के लिए रिजर्व बैंक
द्वारा कॉमर्शियल बैंकों से जिस ब्याज दर पर
नकदी प्राप्त की जाती है उसे कहते हैं → रिवर्स
रेपो रेट
● बैंकों के चेकों के संसाधन के लिए प्रयोग
किया जाता है → MICR
का
● जिस विदेशी मुद्रा में शीघ्र देशान्तरण
की प्रवृत्ति होती है, उसे
कहते हैं → गरम मुद्रा (Hot currency)
● राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक
(NABARD)
की स्थापना किस पंचवर्षीय योजना की अवधि में
की गई थी? → छठवीं
● विश्व बैंक का मुख्यालय स्थित है → वाशिंगटन


🍎1. भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक बैंक है►.ans– स्टेट बैंक ऑफ इंडिया


🍎2. ‘इम्पीरियल बैंक’ पहले का नाम है ►ans– स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का ।


🍎3. पूर्ण रूप से पहला भारतीय बैंक है

►ans– पंजाब नेशनल बैंक ।

🍎4. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का राष्ट्रीयकरण हुआ

►ans– 1 जनवरी, 1949 ई. में ।

🍎5. वह दर, जिस पर वाणिज्यिक बैंक RBI से अल्पकालीनऋण प्राप्त करते हैं, कहलाता है
►ans– रेपो दर ।


🍎6. अल्पकालिक साख एवं दीर्घकालिन साख उपलब्ध करानेवाला संगठन है
►ans– क्रमश: मुद्रा बाजार एवं पूंजी बाजार ।


🍎7. भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की सबसे अधिक शाखाएंहैं
►ans– उत्तर प्रदेश में ।


🍎8. बैंकों में ग्राहक सेवा सुधारने के लिए सुझाव देनेवाली समिति है►ans– गोइपोरिया समिति ।


🍎9. शेयर घोटाला की जांच के लिए गठित समिति थी►ans– जानकीरमन समिति ।

🍎10. भारत का केंद्रीय बैंक है►ans– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)


🍎11. भारत में राष्ट्रीयकृत बैंकों की कुल संख्या है►– 19

🍎12. एक्सिस बैंक लि. (UTI) का पंजीकृत कार्यालय है►
ans– अहमदाबाद में ।


🍎13. भारत में औद्योगिक वित्त की शिखर संस्थाहै

►ans– भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI)


🍎14. बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) विधेयक पारितहुआ
►ans– दिसंबर, 1999 ई. में ।


🍎15. भारत में कुल मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज हैं
►ans– 24


🍎16. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI)की स्थापना हुई
►ans– अप्रैल, 1988 ई. में ।

🍎17. ‘BSE-200′ शेयर मूल्य सूचकांक है
►ans– मुंबई (भारत) का ।

🍎18. HDFC बैंक तथा IDBI बैंक का मुख्यालय है
►ans– क्रमश: मुंबई और इंदौर ।

🍎19. ICICI बैंक तथा भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्यालय स्थित है
►ans– क्रमश: बड़ौदा तथा मुंबई में ।

🍎20. ‘भारतीय पर्यटन वित्त निगम’की स्थापना की गई थी
►ans– 1989 ई. में ।

🍎21. सहकारिता को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने वाला भारतका राज्य है►ans– आंध्र प्रदेश

🍎22. भारत की सबसे बड़ी म्यूचल फंड संस्था है
►ans– भारतीय यूनियन ट्रस्ट (UTI)

🍎23. विनिवेश कमीशन (स्थापना-1996 ई.) के प्रथमअध्यक्ष थ
े►ans– जी वी रामकृष्णन ।

🍎24. भारत में मनीऑर्डरप्रणाली की शुरुआत की गई
►ans– 1980 ई. में ।

🍎25. भारतीय रुपयों का अब तक अवमूल्यन हो चुका है►
ans– तीन बार (1949, 1966 एवं 1991 ई. में )

🍎26. एक रुपए का नोट तथा सिक्के का निर्गमन करता है
►ans– वित्त मंत्रालय (भारत सरकार )

🍎27. करेंसी नोटों (5, 10, 20, 50, 100, 500 तथा 1000रु.) का निर्गमन करता है
►ans– भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)

🍎28. 20 रु., 100 रु., तथा 500 रु. के नोट छपते हैं
►ans– बैंक नोट प्रेस देवास में ।

🍎29. 10 रु., 50रु., 100 रु., 500 रु., तथा 1000 रु. के नोट छपते हैं
►ans– करेंसी नोट प्रेस नासिक में ।

🍎30. भारत में सिक्का उत्पादन होता है
►ans– टकसाल में ।

🍎31. ‘नास्डैक’ है
►ans– अमेरिकी शेयर बाजार ।

🍎32. भारत का पहला मोबाइल बैंक(लक्ष्मी वाहिनी बैंक) स्थित है-
Ans खरगोन (मध्यप्रदेश) में ।

🍎33. भारत में पहला तैरता हुआ ATM कोच्ची मेंखोला गया है-
Ans स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ।

🍎34. राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज(NIFTI)की स्थापना की संस्तुति 1991 ई. मेंकी थी
►ans– ‘फेरवानी समिति’ ।

🍎35. शेयर होल्डरों के स्टॉक पर हुई कमाई को कहते हैं
►ans– लाभांश ।

🍎36. ‘बैंको का बैंक’ कहा जाता है
►ans– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को ।

🍎37. मुद्रा स्फीति में सबसे अधिक लाभ होता है
►ans– लेनदान को ।

🍎38. भारत में शेयर बाजार का मुख्य नियंत्रक है
►– SEBI (सेबी)

🍎39. भारतीय यूनियन ट्रस्ट (UTI) का 30 जुलाई 2007 सेनाम बदलकर रखा गया है
Ans►– एक्सिस बैंक लिमिटेड ।

🍎40. भारत सरकार ने सबसे पहले 14 बड़ेव्यापारिका बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया
►ans– 18 जुलाई 1969 ई. ।

🍎41. सरकार ने पुन: 6 बड़े व्यापारिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया
►ans– 15 अप्रैल 1980 ई. को ।

🍎42. ‘न्यू बैंक ऑफ इंडिया’ का पंजाब नेशनल बैंक का विलय हुआ
►ans– 4 सितंबर 1993 ई. को ।

🍎43. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मुद्रा विनिमय दर निश्चितकी जाती है
►ans– मुद्रा आपूर्ति और मांग द्वारा ।

🍎44. भारत में सबसे पहले पत्र-मु्द्रा का चलन हुआ था
Ans►– 1806 ई. में ।

🍎45. भारत के सार्वजनिक ऋण प्रचालनों को संचालित करता है►– RBI

🍎46. अर्थशास्त्र में निवेश का मतलब क्या है
►ans– शेयरों की खरीदारी ।

🍎47. ऐसा ऋण जो बट्टे पर दिया जाता है और सममूल्य पर प्रतिदेय हो,कहलाता है
►ans– शून्य कूपन बॉण्ड ।

🍎48. भारत में अपनी शाखा खोलनेवाला पहला रूसी बैंक है
►ans– इन्कम बैंक ऑफ रसिया ।

🍎49. न्यूयार्क में स्थित सटॉक एक्सचेंज का नाम है►ans– वॉल स्ट्रीट ।

🍎50. विश्व बैंक की आसान ऋण प्रदाता संस्था है
►ans– इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन ।

🍎51. 10 रु. के नोट पर हस्ताक्षर होता है
►– RBI के गवर्नर का ।

🍎52. इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (IDBI)शाखा है
►ans– भारतीय स्टेट बैंक का ।

🍎53. सिक्का के अलावे पदकों का भी उत्पादन होता है
►ans– मुंबई तथा कोलकाता के टकसाल में ।

🍎54. वह दर जिस पर केंद्रीय बैंक, अन्य बैंकोंके प्रथमश्रेणी के बिलों की पुनर्कटौती करता हैया ऋण देता है, कहलाता है
►ans– बैंक दर ।

🍎55. मूल्य सूचकांक में परिवर्तन की दर को कहा जाता है
►ans– मुद्रा स्फीति ।